सैनिटाइजेशन के अलावा मरीजों को दवा भी देगा रोबोट, 10 किलो तक उठा सकता है भार
सार
- शारदा विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थियों ने बनाया, 10 किलो तक उठा सकता है भार
- मेडिकल कॉलेज स्थित अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में हो सकता है इस्तेमाल
विस्तार
अस्पतालों के कोरोना वार्डों को सैनिटाइज करने के लिए नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने एक रोबोट बनाया है। यह रोबोट सैनिटाइजेशन के अलावा मरीजों को दवा भी देगा। इससे नर्सिंग स्टाफ को संक्रमण का खतरा भी कम हो सकेगा।
रोबोट 5 से 10 किलो तक वजन उठाने में सक्षम है। विवि के मेडिकल कॉलेज स्थित अस्पताल में बनाए गए कोरोना आइसोलेशन वार्ड में इसका प्रयोग किया जा सकता है।
कोरोना को हराने के लिए शारदा विवि के कंप्यूटर साइंस के द्वितीय वर्ष के छात्र निशांत शर्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के छात्र अतुल कुमार ने इसे तैयार किया है। छात्रों ने यह काम अपने एचओडी नितिन राकेश की देखरेख में किया है।
बैट्री चालित इस रोबोट को रिमोट से संचालित किया जा सकेगा। इसमें सैनिटाइजर जेट लगाया गया है। जैसे ही कोई व्यक्ति अपने हाथ आगे बढ़ाएगा, यह रोबोट उसके हाथों में सैनिटाइजर दे देगा। इस काम के लिए किसी स्टाफ की जरूरत नहीं पड़ेगी।
साथ ही यह दूसरों को दवा या अन्य वस्तुएं देने में सक्षम है। छात्र इस रोबोट पर पिछले वर्ष से कार्य कर रहे हैं। कोरोना वायरस के सक्रिय होने के बाद इसमें कुछ संशोधन किए गए। जिससे यह मेडिकल टीम को सहयोग करने में सक्षम हो गया।
विवि के दो छात्रों ने चलने वाला रोबोट बनाया है। यह सैनिटाइजेशन और मरीजों को दवा आदि वस्तुएं देने में सक्षम है। जरूरत पड़ी तो आइसोलेशन वार्ड में इसकी सेवाएं ली जाएंगी।- डॉ. अजित कुमार, संयुक्त उप कुलपति, शारदा विवि
रोबोट 5 से 10 किलो तक वजन उठाने में सक्षम है। विवि के मेडिकल कॉलेज स्थित अस्पताल में बनाए गए कोरोना आइसोलेशन वार्ड में इसका प्रयोग किया जा सकता है।
कोरोना को हराने के लिए शारदा विवि के कंप्यूटर साइंस के द्वितीय वर्ष के छात्र निशांत शर्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के छात्र अतुल कुमार ने इसे तैयार किया है। छात्रों ने यह काम अपने एचओडी नितिन राकेश की देखरेख में किया है।
बैट्री चालित इस रोबोट को रिमोट से संचालित किया जा सकेगा। इसमें सैनिटाइजर जेट लगाया गया है। जैसे ही कोई व्यक्ति अपने हाथ आगे बढ़ाएगा, यह रोबोट उसके हाथों में सैनिटाइजर दे देगा। इस काम के लिए किसी स्टाफ की जरूरत नहीं पड़ेगी।
साथ ही यह दूसरों को दवा या अन्य वस्तुएं देने में सक्षम है। छात्र इस रोबोट पर पिछले वर्ष से कार्य कर रहे हैं। कोरोना वायरस के सक्रिय होने के बाद इसमें कुछ संशोधन किए गए। जिससे यह मेडिकल टीम को सहयोग करने में सक्षम हो गया।
विवि के दो छात्रों ने चलने वाला रोबोट बनाया है। यह सैनिटाइजेशन और मरीजों को दवा आदि वस्तुएं देने में सक्षम है। जरूरत पड़ी तो आइसोलेशन वार्ड में इसकी सेवाएं ली जाएंगी।- डॉ. अजित कुमार, संयुक्त उप कुलपति, शारदा विवि